वेदांता ने बाजार का भरोसा जीतना जारी रखा: ब्रोकरेज फर्मों ने आगे मजबूत आय का अनुमान लगाया

  • एलएमई कीमतें वित्त वर्ष 26-27 में भी बढ़ती रहेंगी, जिससे वेदांता की आय वृद्धि में मदद मिलेगी: जेपीएम
  • वेदांता रुपये में गिरावट का एक प्रमुख लाभार्थी; एल्युमिना की कीमतों में गिरावट निकट भविष्य में सकारात्मक है: इन्वेस्टेक

प्रमुख वैश्विक और भारतीय ब्रोकरेज फर्म वित्त वर्ष 26 में वेदांता लिमिटेड के प्रदर्शन को लेकर आशावादी हैं। वे मजबूत एलएमई मूल्य रुझानों, डीलेवेरजिंग, लागत अनुशासन, और एल्यूमीनियम व्यवसाय की मजबूती को प्रमुख विकास कारकों के रूप में देख रहे हैं। इन फर्मों ने अगले कुछ तिमाहियों में शुरू होने वाली या पूरी होने वाली कई विकास परियोजनाओं पर भी ध्यान दिया है।

जे.पी. मॉर्गन ने बताया कि वेदांता का पहली तिमाही का कंसोलिडेटेड एबिट्डा काफी हद तक अनुमानों के अनुरूप था, जिसमें एल्यूमीनियम, आयल एंड गैस और पावर जैसे प्रमुख व्यवसायों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे समग्र एबिट्डा में वृद्धि हुई। चालू और अगले वित्त वर्ष के लिए आय के रुझान पर, फर्म को उम्मीद है कि वेदांता की विभिन्न मौजूदा पहलें विकास में मदद करेंगी। फर्म ने कहा, “एल्यूमीनियम व्यवसाय में वेदांता की क्षमता विस्तार यात्रा और वर्टिकल इंटीग्रेशन से लागत में लाभ होगा। एलएमई कीमतें भी निचले स्तर पर आ गई हैं और वित्त वर्ष 26-27 तक बढ़ती रहेंगी, जिससे संभवतः कमाई में मदद मिलेगी।”

सिटी रिसर्च ने एलएमई कीमतों और इसके संभावित लाभों पर इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वेदांता की पैरेंट कंपनी (वेदांता रिसोर्सेज) का कर्ज आरामदायक स्तर पर है। इसने मध्यम अवधि में एल्यूमीनियम एलएमई की कीमतों में संभावित वृद्धि, कम लागत और डीमर्जर को वेदांता के लिए एक और सकारात्मक कारक बताया, साथ ही यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर एल्यूमीनियम की आपूर्ति में सीमित वृद्धि है।

मुंबई स्थित नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि वेदांता दूसरी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही (quarter-on-quarter) एबिट्डा वृद्धि दर्ज करेगा। फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “उच्च कीमतों और एल्यूमीनियम उत्पादन की कम लागत के कारण दूसरी तिमाही (Q2FY26) का एबिट्डा तिमाही-दर-तिमाही 10% से अधिक बढ़ने की संभावना है। प्रमुख एल्यूमीनियम परियोजनाएं Q2FY26 में शुरू होने की संभावना है। हम मानते हैं कि शुद्ध ऋण/EBITDA (हिंदुस्तान जिंक को छोड़कर)वित्त वर्ष 25 के 2.7 गुना से गिरकर वित्त वर्ष 26 के अंत तक 1.7 गुना हो जाएगा। व्यवसाय का डीमर्जर वित्त वर्ष 26 की चौथी तिमाही में पूरा होने की संभावना है। हम 601 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ ‘खरीदें’ (BUY) की सलाह बनाए रखते हैं।” फर्म को उम्मीद है कि कोयला ब्लॉक को छोड़कर वेदांता की सभी प्रमुख परियोजनाएं चालू वित्त वर्ष में शुरू हो जाएंगी, जिससे कंपनी के लिए वॉल्यूम वृद्धि और लागत में कमी की उम्मीद बढ़ जाएगी।

ब्रिटेन स्थित इन्वेस्टेक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रुपये में हुई गिरावट का जिन कंपनियों को फायदा होगा उनमे  वेदांता एक लाभार्थी है। फर्म द्वारा सूचीबद्ध अन्य निकट-अवधि के सकारात्मक कारकों में घटती एल्यूमिना कीमतें और कंपनी द्वारा आकर्षक रिटर्न शामिल है। फर्म ने वेदांता पर अपनी ‘खरीदें'(buy) की रिकमेन्डेशन बरकरार रखी है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और आईआईएफएल जैसी शोध फर्मों ने वेदांता लिमिटेड और इसकी पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज दोनों में लागत दक्षता और कर्ज कम करने  जैसे कारकों को लाभकारी बताया है।

वेदांता का समायोजित कर पश्चात लाभ (PAT) साल-दर-साल 13% बढ़कर ₹ 5,000 करोड़ हो गया। कंपनी ने ₹ 10,746 करोड़ का अब तक का सबसे अधिक पहली तिमाही का एबिट्डा दर्ज किया, जो साल-दर-साल 5% अधिक था।

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