वित्तीय जगत में एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिला है जहां एक तरफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर वाइसरॉय रिसर्च की विवादास्पद रिपोर्ट है, वहीं दूसरी तरफ प्रतिष्ठित वैश्विक वित्तीय संस्थानों और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश का मजबूत समर्थन है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाती है कि सच्चाई कहां है और कौन सी आवाज पर भरोसा करना चाहिए।
वैश्विक दिग्गजों का अटूट विश्वास
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वाइसरॉय की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद, दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थाओं ने वेदांता पर अपना भरोसा बनाए रखा है। जेपी मॉर्गन, जो दुनिया के सबसे बड़े निवेश बैंकों में से एक है, ने वेदांता समूह की संस्थाओं पर अपनी सकारात्मक रेटिंग बरकरार रखी है। इसी तरह बैंक ऑफ अमेरिका, जिसकी वैश्विक वित्तीय बाजारों में अग्रणी स्थिति है, ने भी अपना सकारात्मक रुख बनाए रखा है। यह संस्थाएं दशकों के अनुभव और गहन विश्लेषण के आधार पर अपने निर्णय लेती हैं, न कि सनसनीखेज रिपोर्टों के आधार पर।
भारतीय रेटिंग एजेंसियों की मजबूत स्थिति
घरेलू मोर्चे पर भी स्थिति उतनी ही स्पष्ट है। क्रिसिल (CRISIL), जो भारत की अग्रणी रेटिंग एजेंसी है और S&P Global के साथ अपनी साझेदारी के लिए प्रसिद्ध है, ने वेदांता के लिए एए रेटिंग की पुष्टि की है। यह रेटिंग उच्च क्रेडिट गुणवत्ता और वित्तीय स्थिरता को दर्शाती है। विशेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि क्रिसिल ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के लिए सर्वोच्च एएए रेटिंग बनाए रखी है, जो असाधारण वित्तीय मजबूती का प्रमाण है।
आईसीआरए (ICRA), जो मूडीज के साथ अपनी तकनीकी साझेदारी के लिए जानी जाती है, ने भी वेदांता की एए रेटिंग बरकरार रखी है। ये दोनों एजेंसियां भारतीय कॉर्पोरेट जगत की सबसे विश्वसनीय आवाजें हैं और इनका निर्णय गहन तकनीकी विश्लेषण पर आधारित होता है।
सत्य की जीत और भ्रम का अंत
यह पूरी स्थिति एक महत्वपूर्ण सबक देती है कि वित्तीय बाजारों में अफवाहों और भ्रामक प्रचार की बजाय तथ्यों और विश्वसनीय विश्लेषण की जीत होती है। जब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थाएं और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एक ही दिशा में खड़े हों, तो सच्चाई स्पष्ट हो जाती है।
डॉ. चंद्रचूड़ की कानूनी राय के साथ-साथ इन प्रतिष्ठित संस्थानों का समर्थन यह साबित करता है कि वेदांता एक मजबूत, पारदर्शी और नियम-कानून का पालन करने वाली कंपनी है। यह घटनाक्रम भारतीय कॉर्पोरेट जगत की विश्वसनीयता और देश की वित्तीय प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है।
